Saturday, 6 February 2010

Oh Shitttt.........So Painful

Saturday, 6 February 2010 2
दर्द क्या होता है ये इस हरी शर्ट वाले से बेहतर कौन जान सकता है।
शायद इसे ही तो कहते है खड़े L**D पे लात।
क्या आप लोग इस फोटो के लिए कोई अछी सी heading दे सकते हो.

BEWARE OF DOGS.....MEANS......कुत्तो से सावधान.

तो आज आपको पता लग ही गया होगा की Beware Of Dogs का क्या मतलब होता है। खास तोर पे ये फोटो उन लडकियों के लिए है जिन्हें कुत्तो से बहुत प्यार होता है। और जो बात बात में ये कहती है की ALL MENS ARE DOG.
अब दोबारा मत कहना। ठीक है ............??????

Bas Kar Dalo.......

Shayad yehi matlab hota hai is " JUST DO IT " Ka.......
To isme in bhai saab ki kya galti hai ???????
Ye bhi to wahi kar rahe hai jo likha hua hai......
Keep it up !!!!!!!!

जरा संभल के मैडम....

क्या कोई ऐसा इंसान है जो ये बता सके की ये मैडम अब क्या सोच रही है........
Isme in madam ki koi mistake nahi hai.......Ye to sab new generation style hai.
Socho ki ye madam ab kya करेगी ।

What is LECTURE ?

 
LECTURE:
An art of transmitting Information
from the notes of the lecturer
to the notes of students
without passing through the minds
of either 

Thursday, 4 February 2010

पुरुषों पर अत्याचार ????

Thursday, 4 February 2010 2
महिला अधिकारों की जब बात उठती है तो महिलाएं क्या मांगती हैं? जाहिर है बराबरी का अधिकार। लेकिन अगर बराबरी की मांग करते-करते कोई खुद शोषणकारी की तरह बर्ताव करने लगे तो.... कम से कम कुछ मामलों में तो यही हो रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि अभी भी कई जगह खासकर गांवों में महिलाओं की स्थिति बहुत दयनीय है और उन्हें उनके अधिकार दिलाने के लिए जितना भी किया जाए वह कम है लेकिन ऐसी महिलाओं की संख्या भी बढ़ रही है जो अपने हक के लिए मिले कानून का दुरूपयोग कर रही हैं। और कानून भी इसमें मूकदर्शक बने रहने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहा है।

मेरा एक मित्र है जिसने कुछ दिनों पत्रकारिता की और अब लॉ करने के बाद एक सीनियर क्रिमिनल लॉयर के साथ ट्रेनिंग ले रहा है। कुछ ही दिन पहले वह मिला और इतना व्यथित था कि पूछिए मत। वजह पूछने पर बताया कि यार गलत काम मैं कर नहीं सकता और न करूं तो वकालत करने का सपना छोड़ना पड़ेगा। और मेरे पैरंट्स मुझे समझने की बजाय मुझे प्रैक्टिकल बनने की सलाह दे रहे हैं। हुआ यूं कि कुछ दिन पहले उसके सीनियर के पास एक महिला आई। पढ़ी लिखी और मॉडर्न। उसने अपने 2 साल पुराने पति और उसके पैरंट्स के खिलाफ घरेलू हिंसा कानून के तहत केस दर्ज कराया था। वह वकील से कहने लगी कि मैं अपने पति और उसके पूरे परिवार को जेल में देखना चाहती हूं चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े। आप चाहें तो सबूत क्रिएट करने के लिए मैं अपने शरीर पर सिगरेट से दागने के निशान बना सकती हूं। इतना बताया ही था कि मेरा वह दोस्त बुरी तरह बरस पड़ा। उसने बताया कि एक हफ्ते से वह सीनियर लॉयर के पास नहीं गया है क्योंकि जब उसने उनसे कहा कि सर ये तो गलत है तो उन्होंने उसे ही लेक्चर दे डाला।

एक वाकया और याद आ रहा है जब मैं कॉलेज में स्टूडेंट यूनियन में थी। एक 22 साल के लड़के को रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया। कुछ सीनियर पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दरअसल मामला कुछ और ही है। वह लड़का एक कॉल गर्ल के पास गया और बाद में पैसों को लेकर कुछ बहस हुई और 40 रुपये को लेकर उसने लड़के पर रेप का केस कर दिया। मेडिकल टेस्ट में भी उसकी पुष्टि हो गई। पुलिस वाले हकीकत जानते हुए भी कुछ नहीं कर सके और उस लड़के को सजा हो गई।

मेरा यह कहने का कतई मतलब नहीं है कि कानून गलत है लेकिन कानून का गलत इस्तेमाल जरूर हो रहा है। आप यह भी कह सकते हैं कि महिलाओं को अतिरिक्त अधिकार देने का ही नहीं बल्कि मर्डर जैसे सारे कानूनों का गलत इस्तेमाल हो रहा है तो... हां मैं भी इससे सहमत हूं। लेकिन कुछ तो ऐसा करना ही होगा जिससे बेगुनाह को सजा ना मिले। और महिला अधिकारों के नाम पर कुछ बेचारे पुरुष ना पिसें।

अभी हाल ही में उत्तराखण्ड में एक अजीब वाकया घटा। जब दुल्हन सुहागरात से ठीक पहले अपने प्रेमी के साथ भाग गई। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया। लेकिन जेल गया सिर्फ प्रेमी। जबकि दोनों अपनी मर्जी से भागे थे। लड़की ने अपने प्रेमी से कहा था कि अगर वो सुहागरात से पहले उसे भगा नहीं ले गया तो वो जहर खा लेगी। पुलिस के सामने खुद लड़की ने ये बयान दिया लेकिन कानून का शिकंजा कसा सिर्फ लड़के पर। अगर लड़की कोर्ट में बयान देने तक अपने कहे पर कायम रहती है, तो शायद युवक बच जाए। लेकिन अगर किसी दबाव में या किसी और वजह से वह मुकर गई तो? बेचारा प्रेमी...


अदालतें खुद कई बार यह मान चुकी हैं कि कई बार महिलाएं बदला लेने के मकसद से झूठे केस दर्ज करवा देती हैं और महिला के अधिकारों की रक्षा के लिए बने कानून बेगुनाह पुरुष के उत्पीड़न के हथियार बन जाते हैं। इतिहास में पढ़ा था कि एक दौर में मातृ सत्ता हुआ करती थी। तब महिलाओं की तूती बोलती थी। फिर वक्त बदला और पुरूषों ने सत्ता पर कब्जा जमा डाला और महिलाओं के शोषण की ऐसी काली किताब लिखी कि लाख धोने पर भी शायद ही धुले। आज जब महिलाओं के पास एक बार फिर कानूनी ताकत आ रही है तो क्या पुरूषों के साथ भी वही सबकुछ नहीं होने लगा है। भले ही अभी इसे शुरुआत कहा जाए...। लेनिन ने कहा था कि सत्ता इंसान को पतित करती है या यूं कहें पावर जिसके पास होती है वह शोषणकारी होता है और उसका इंसानी मूल्यों के प्रति कोई सरोकार नहीं रहता। लेकिन क्या ऐसे कभी समानता आ सकती है? या फिर ये चक्र ऐसे ही घूमता रहेगा। कभी हम मरेंगें... कभी तुम मरोगे।

तो दाऊद को भी अपने घर बुला लेंगे ठाकरे?

शिवसेना शुरू से स्टंट की राजनीति करती रही है। यह राजनीति कुछ समय के लिए पॉप्युलर भले हो जाए, कोई समस्या नहीं सुलझाती। चार दशकों की राजनीति में ठाकरे ने महाराष्ट्र की कोई समस्या नहीं सुलझाई। पार्टी राज्य में भी सत्ता में आई और केंद्र में भी, मगर मराठी अस्मिता के सवाल पर भी महाराष्ट्र में या मुंबई में हालात बेहतर होने का दावा खुद शिवसेना भी नहीं कर सकती।
फिर भी, ठाकरे उसी शैली में राजनीति करने को मजबूर हैं, क्योंकि अब राज ठाकरे के रूप में उनका नया राइवल उभर आया है। पूरी जिंदगी मराठी राजनीति करने के बाद उन्हें प्रदेश की मराठी जनता के सामने एक बार फिर खुद को साबित करना है। नहीं कर सके तो खारिज कर दिए जाएंगे। खारिज करने की यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह बात पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में ठाकरे देख चुके हैं। इसीलिए राजनीतिक वानप्रस्थ से वापस आकर उन्होंने उद्धव के हाथों में सौंपी जा चुकी कमान एक बार फिर अपने हाथ में ली है।
एक बार फिर शिवसेना सब कुछ भूल मराठी मुद्दे पर टूट पड़ी है। बार-बार ठोकर लग रही है, लेकिन ठाकरे इतने बदहवास हैं कि संभल नहीं पा रहे। सचिन तेंडुलकर ने उन्हें संभालने की कोशिश की, यह कह कर कि मुंबई सबकी है, पर ठाकरे ने उसी से पंगा ले लिया। मुंह की खानी पड़ी, पर रवैया वही रहा। मुकेश अंबानी ने भी खरी-खरी सुना दी, लेकिन ठाकरे बेअसर। आखिरी वार संघ ने किया। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत खुद महाराष्ट्र के हैं, पर उन्होंने भी साफ कह दिया कि मुंबई सभी भारतीयों की है। बीजेपी ने भी संघ का इशारा समझ कर अपना रवैया साफ कर दिया कि वह इस मुद्दे पर सेना का साथ नहीं दे सकती। मगर, ठाकरे पर कोई असर फिर भी नहीं दिख रहा है।
यह अड़ियस रुख तारीफ के काबिल होता, अगर इसके पीछे ठाकरे की प्रतिबद्धता होती। प्रतिबद्धता नहीं है, यह बात आज से नहीं, काफी पहले से जाहिर होती रही है। ठाकरे का विरोध सहूलियतों पर आधारित रहा है। वे गुलाम अली का विरोध करते हैं तो माइकल जैक्सन को अपने घर बुला लेते हैं।
पुराने मामलों को भुला दें तो आज भी वह शाहरुख की फिल्म को इसलिए रिलीज नहीं होने दे रहे क्योंकि शाहरुख ने पाकिस्तानी क्रिकेटरों की तारीफ करने वाला बयान दिया। आमिर से भी उनकी यही शिकायत है। मगर, वह खुद पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मियांदाद को अपने घर 'मातो श्री' बंगले में बुला चुके हैं। इस पर सफाई देते हुए शिवसेना के नेता कह रहे हैं कि 'मियांदाद पाकिस्तानी खिलाड़ी के रूप में नहीं, बल्कि व्यक्तिगत तौर पर ठाकरे से मिलने आए थे।' इसका क्या मतलब? आइपीएल में पाकिस्तान से आए खिलाड़ी भी व्यक्तिगत हैसियत से ही आए थे, वे पाकिस्तानी टीम का हिस्सा नहीं थे।
दूसरी बात, यह भी नहीं भूलना चाहिए कि यही मियांदाद कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम के समधी हैं। ऐसे आदमी से ठाकरे को क्या काम हो गया? वह कौन सी मजबूरी थी जिसके चलते ठाकरे इस आदमी की अपने घर पर मेजबानी करने को राजी हुए? यह कहने का मतलब नहीं है कि मियांदाद खुद मिलना चाहते थे। कल को हो सकता है दाऊद भी उनसे मिलना चाहे। तो क्या वह दाऊद का भी अपने बंगले पर स्वागत करेंगे?

Just SMS for BLOOD

I have got this message today and liked to share with you all…

Now it has become easier to get the blood we need.

All you have to do is just type

“BLOOD Blood Group> and send SMS to 96000 97000″

EX: “BLOOD B+”

A BLOOD DONOR WILL CALL YOU!!!

For more info Click Here

This service will help minimize the time spent on searching for safe blood and help save more lives. So please pass this message to all.

It’s a Must to Know & Share. Do it now….

Forward this to all your friends whom you care ….as the minute you spare to share this information can save somebody’s life with rare Blood Group! If you couldn’t be a Donor be a Communicator!!!

Source : Times of india

words of wisdom

Life’s Learning Lesson from 3 Idiots


1. Never try to be successful, pursue excellence
Success is the bye product & the result
Excellence always creates Success & it is a process of continual improvement
Never run after success
Let it happen automatically in life


2. Freedom to Life- Life is beautiful
Don’t die before the actual death
Live every moment to the fullest as if today is the last day
Life is gifted to humankind to live
Live & Live happily towards happiness


3. Passion leads to Excellence
When your hobby becomes your profession, the passion becomes your profession
You will be able to lead up to excellence in life
Satisfaction, Joy, Pleasure & love will be the outcome of the passion
Following your passion for years, you will surely become somebody one day


4. Learning is very simple-Never stop
 Be humble
 Teachers do fail, Learners never fail
Learning is never complicate or difficult
Learning is always possible whatever rule you apply


5. Pressure at head
Current education system is developing pressure on students head
University intelligence is useful & making some impact in the life, but it cannot be at the cost of life


6. Life is 6 e s management of emotions & not optimization of intelligence
Memory and regular study have definite value and it always helps you in leading a life.
You are able to survive even if you can make some mark in the path of the life.
With artificial intelligence, you can survive & win but you cannot prove yourself Genius.
Therefore, in this process genius dies in you


7. Necessity is mother of invention
Necessity creates pressure and forces you to invent something or to make it
happen or to use your potentiality.
Aamir Khan in this film, 3 idiots, is able to prove in the film by using vacuum pump at the last moment.


8. Simplicity in life
Life is need base never want base. Desires have no ends.
Simplicity is way of life and Indian culture highly stresses on simple living and high thinking, and this is the way of life: ‘Legs down to earth and eyes looking beyond the sky’


9. Industrial Leadership
Dean of the institute in 3 idiots is showing very typical leadership. He has his own principles, values and ideology, and he leads the whole institute accordingly.
This is an example of current institutional leadership. In the present scenario, most of the institutes are fixed in a block or Squares thinking

10. Love is time & space free
Trust your partner
Love is not time bound and space bound.
It is very well demonstrated in this movie same love was demonstrated by Krishna and Meera.
Love is border free, time free, unconditional and space free.


11. Importance of words in communication
If communication dies, everything dies.
Each word has impact and value in communication.
One word if used wrongly or emphasized wrongly or paused at a wrong place in communication what effect it creates and how is it affected is demonstrated very well in this movie.


12. Mediocrity is penalized
Middle class family or average talent or average institute is going to suffer and has to pay maximum price in the life if they do not upgrade their living standards.
To be born poor or as an average person is not a crime but to die as an average person with middle class talent is miserable and if you are unable to optimize your potentiality and die with unused potentiality then that is your shameful truth.
One should not die as a mediocre. He/she has to bring out genius inside him/her and has to use his/her potentiality to the optimum level

Wednesday, 3 February 2010

Save our Tigers - what can i do ?????

Wednesday, 3 February 2010 0

kisne nahi khaii ???

kya koi aisa insaan hai jisne isse na khaya ho ???? apke jawabo ke intzaar me...................................!!!!

Nishant Sharma - the Banglore Boy

उडती हुई खबरों के माध्यम से यह पता लगा है की हमारे प्रिय मित्र निशांत शर्मा जी बंगलोर में हैं !
हम जान कर बहुत खुशु हुई है परन्तु दुःख इस बात का भी है की निशांत जी ने हमें नही बताया !! उनके ऊपर टिपणी करने से पहले हम यही कहना चाहते है की निशांत स्वयं इस बात का खुलासा करे !!!

well hamari taraf se all the best to him..................
 
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